कुशल विदेशी वर्कर से कौन सबसे अधिक लाभ पाता है?

अप्रैल 14, 2017
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कुशल विदेशी वर्कर से कौन सबसे अधिक लाभ पाता है? 

एन आर्बर — 1990 के आईटी बूम के दौरान संयुक्त राज्य अमेरिका में काम करने के लिए एच -1 बी वीजा पाने वाले विदेशी कंप्यूटर वैज्ञानिकों का श्रमिकों, उपभोक्ताओं और तकनीकी कंपनियों पर महत्वपूर्ण प्रभाव पडा था।

यूनिवर्सिटी ऑफ मिशिगन के शोधकर्ता जॉन बाउंड और निकोलस मोरालेस और कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय- सैन डिएगो में ग्लोबल डेवलपमेंट केंद्र के गौरीव खन्ना ने इस प्रभाव का अध्ययन किया कि विदेशी कंप्यूटर वैज्ञानिकों के आने से यू.एस के इकानमी पर क्या असर पडा।

उन्होंने 1994 -2001 की अवधि का चयन किया, जब ई-कॉमर्स आगे बढ़ रहा था और प्रौद्योगिकी वर्ककों की जरूरत थी। एच-1 बी वीजा अमेरिकी कंपनियों को अस्थायी रूप से विशेष व्यवसायों के लिये विदेशी श्रमिकों को लाने की अनुमति देता हैं। सालाना दिए गए इन वीजा की संख्या संघीय सरकार द्वारा कैप की जाती है।

बाउंड, मोरालेस और खन्ना ने पाया कि कुशल आप्रवासियों का इनोवैशन पर सकारात्मक प्रभाव पड़ा, अमेरिकियों के समग्र कल्याण में वृद्धि हुई और आईटी क्षेत्र में कंपनियों का लाभ काफी बढ़ गया।

उलटी तरफ, आप्रवासियों के आने से यू.एस. कंप्यूटर वैज्ञानिकों के लिए नौकरी की संभावनायें और वेतन कम हो गये। अमेरिकी वर्कर के दूसरे व्यवसायों में जाने से घरेलू कंप्यूटर वैज्ञानिकों के रोजगार 6.1 प्रतिशत से 10.8 प्रतिशत तक घट गये। उनके मॉडल के आधार पर, 2001 में वेतन 2.6 प्रतिशत से 5.1 प्रतिशत तक अधिक था।

यू-एम में अर्थशास्त्र के प्रोफेसर बाउंड ने कहा, “जब तक उच्च-कौशल वाले वर्करों की मांग नीचे की ओर झुक रही है, विदेशी कुशल श्रमिकों के अाने से यू.एस. के उच्च-कौशल श्रमिकों की मजदूरी अौर आबादी दोनो कम हो जायेगी।”

इमिग्रेशन से आईटी सामग्री की कीमतों में कमी हुई और उत्पादन में 1.9 प्रतिशत से 2.5 प्रतिशत के बीच बढ़ोतरी हुई अौर उपभोक्ताओं को लाभ हुआ। इमग्रेशन से तकनीक उद्योग की आधार-रेखा पर भी बड़ा प्रभाव पड़ा।

यू-एम में अर्थशास्त्र के डॉक्टरेट छात्र मोरालेस ने कहा, “आईटी सेक्टर में फर्मों ने भी इमग्रेशनके लिए काफी अधिक लाभ कमाया है।”

 

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