आॅनलाइन डेटिंग में लड़कियां लड़कों से ज्यादा परेशान रहती हैं
ऐन अर्बर- एक नए अध्ययन के अनुसार लड़कों की तुलना में लड़कियां आॅनलाइन डेटिंग में पार्टनर के गलत व्यवहार से अधिक गंभीर भावनात्मक परेशानियों से भुगतती है।
मिशिगन यूनिवर्सिटी और कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी – सांता बारबरा के शोधकर्ताओं- ने डिजिटल डेटिंग के दुरुपयोग से हाई स्कूल के छात्रों के अनुभव अौर लिंग के प्रभाव की जांच की, जिसमें एक सेल फोन या इंटरनेट का उपयोग करके डेटिंग साथी को परेशान किया गया या नियंत्रण, दबाव या धमकी दी गई।
शोध में पता चला कि लड़कियां ज्यादा पीड़ित होती है। जो लड़कियां डिजिटल माध्यमों पर माॅनिटरिंग, कंट्रोल, प्रेशर से लेकर धमकियां जैसे व्यवहार का सामना करती हैं, उनकी लड़कों की अपेक्षा भावनात्मक परेशानियां गंभीर और ज्यादा होती है।
जब उन्होंने धमकी भरे मैसेजेस, बिना अनुमति के निजी जानकारियों को बटोरने, नेकेड फोटो जैसी मांग या उनकी गतिविधियों पर नजर रखने जैसी हरकतें हुई तो लड़कियां ज्यादा परेशान, निराश और नकारात्मक भावनाओं से भरी हुई पाई गई।
यूनिवर्सिटी के असिस्टेंट प्रोजेक्ट साइंटिस्ट लाॅरेन रीड ने बताया ‘हालांकि डिजिटल डेटिंग सभी युवाओं के लिए हानिकारक है लेकिन जेंडर मायने रखता है।’
अध्ययन में शामिल 703 मिडवेस्ट हाई स्कूल के छात्रों ने डिजिटल डेटिंग दुरुपयोग की आवृत्ति की सूचना दी, अगर वे “सबसे हाल की” घटनाओं से परेशान थे, और उन्होंने कैसे जवाब दिया। छात्रों ने दिसंबर 2013 और मार्च 2014 के बीच सर्वेक्षण पूरा किया।
प्रतिभागियों ने प्रति दिन कम से कम 51 टेक्स्ट मैसेज भेजने और प्राप्त करने की सूचना दी, और सोशल मीडिया पर 22 घंटे बिताये।अधिकांश प्रतिभागियों ने सूचना दी कि वे अक्सर अपने वर्तमान या हाल ही में डेटिंग साझेदारों को टेक्स्ट / टेक्स्ट करते हैं।
लड़कियों ने अक्सर ज़्यादा डिजिटल यौन जबरन उत्पीड़न का संकेत दिया, और लड़कियों और लड़कों ने डिजिटल निगरानी, नियंत्रण और डिजिटल प्रत्यक्ष आक्रामकता का रिपोर्ट दिया । अध्ययन ने दिखायाकि जब खतरों और अफवाह फैलते हुए प्रत्यक्ष आक्रामकता से मुकाबला हुआ, तो लड़कियों ने अपने पार्टनर के साथ संचार बंद कर दिया। लड़कों ने भी इसी तरह जवाब दिया जब उन्हें डिजिटल निगरानी और नियंत्रण व्यवहार का अनुभव किया।
मिशिगन यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर रिचर्ड टोलमन ने कहा “लड़के अक्सर लड़कियों को सेक्स आॅब्जेक्ट्स मानकर व्यवहार करते हैं जो कि डिजिटल यौन बलात्कार की उच्च दर का कारण बनता है।”
वहीं, लड़कियां रिश्तों को प्राथमिकता देने की उम्मीद करती है और इससे उनमें जलन और पजेसिवनेस जैसी भावनाएं आने लगती हैं। इसके चलते लड़कों की गतिविधियों पर नजर रखने की अधिक संभावना रहती है।
यह अध्ययन ऐडोलेसन्स के जनरल में प्रकाशित हुआ था। मोनिक वार्ड, मनोविज्ञान के यू-एम प्रोफेसर थे। अगस्त के किशोरावस्था के मुद्दे के मुताबिक ये निष्कर्ष सामने आए हैं।
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अध्ययन सार: जेंडर मैटेरस: किशोर डेटिंग संबंधों में डिजिटल डेटिंग दुरुपयोग से उत्पीड़न के अनुभव और परिणाम