एक्स क्रोमोसोम से खुल सकता है महिलाओं से जुड़े गंभीर बीमारियों का राज

जनवरी 21, 2016
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एन आर्बर: दुनिया की हर महिला की प्रत्येक कोशिका में दो एक्स क्रोमोसोम (गुणसूत्र) होते हैं। इनमें से एक क्रोमोसोम प्रायः निष्क्रिय रहता है जैसे कि एक ताले में बंद किताब की तरह पहुंच से दूर रहता हैं।

वैज्ञानिक सोचते थे कि वो जानते है कि यह कैसे होता है लेकिन मिशिगन यूनिवर्सिटी के मेडिकल स्कूल का नया शोध दिखाता हैं कि यह इतना स्पष्ट नहीं है।

यह शोध लड़कियों और महिलाओं में एक्स क्रोमोसोम से जुड़े हुये रोगों से लड़ने के लिये नए तरीके में मदद कर सकता है, खासकर उन रोगों में जहाँ एक्स क्रोमोसोम में डिफेक्ट होता हैं।

प्रसीडिंगज़ आफ राष्ट्रीय विज्ञान अकादमी के एक नये पेपर में, यू-एम आनुवंशिक शोधकर्ताओं ने दिखाया है कि एक्सइस्ट आरएनए नामक एक अणु एक्स गुणसूत्र चुप करने के लिए अपर्याप्त है। यह अणु, एक्सइस्ट, हर महिला सेल के दो एक्स क्रोमोसोम में से एक को बंद करने में महत्वपूर्ण कारक के रूप में देखा गया है।

“यह माना जाता है कि एक्सइस्ट आरएनए आवश्यक है और एक्स को बंद करने के लिए पर्याप्त है,” टीम लीडर संदीप कलांत्री, पीएच.डी. कहते हैं। “लेकिन हम पहली बार दिखाते है कि इसके अन्य कारक है जो एक्सइस्ट को सक्रिय करके, उसके बाद एक्सइस्ट आरएनए के सहयोग से एक्स क्रोरोमोसोम को बंद करता हैं।”

कलांत्री कहते है कि भविष्य में कुछ घटक से इन बंद एक्स क्रोरोमोसोम को फिर से चलाया जा सकेगा।

शोधकर्ता ने कहा कि एक्स क्रोमोसोम से जुड़े बहुत से जीन महिलाओं में मस्क्युलर डिस्ट्रॉफी और ऑटिज्म से लेकर हीमोफीलिया तक की तमाम बीमारियों से जुड़े होते हैं। नई खोज से ऐसी बीमारियों से लड़ने की दिशा में नए रास्ते खुल सकते हैं। उनमें से कई व्यक्ति के सोच और स्मृति क्षमता, और अनुभूति और इन्टेलिजन्स पर प्रभाव पड़ता है।
“महिलाओं में, हम रीअवेकनिंग की कल्पना कर सकते है, जो इन तथाकथित फरार जीन को मॉज्यूलैट करके अस्वास्थ्य जीन को सुधार सकते हैं,” कलांत्री कहते हैं।

लेकिन यह पुरुषों में मदद नहीं करेगा क्योंकि पुरुषों में केवल एक एक्स गुणसूत्र होता है और इसे निष्क्रिय करना हानिकारक होगा।

लेकिन इसी से यह नया शोध संभव हुआ: जब टीम ने पुरुषो मे एक्स गुणसूत्र को बंद करने की कोशिश की तो वो पूरी तरह से काम नही किया क्योंकि पुरुषों में कोई “जुड़वां बहन” एक्स क्रोरोमोसोम नहीं थी। लेकिन महिलाओं में वो एक्स क्रोरोमोसोम को एक्सइस्ट आरएनए से निष्क्रिय कर पाये।

फर्क यह था कि महिला के कोशिकाओं में”फरार” जीन द्वारा बनाए गए उत्पादों का उच्च स्तर था।

अब, कलांत्री कहते हैं, कि टीम एक्स निष्क्रियता के फरार जीनों पर ध्यान दे रहा हैं जो एक्सइस्ट आरएनए को व्यक्त करने की अनुमति देता है और उसके बाद एक्सइस्ट के साथ काम करके साइलन्स संभव करता हैं।

कलांत्री के अलावा, जो यू-एम मेडिकल स्कूल के ह्यूमन जेनेटिक्स विभाग में सहायक प्रोफेसर हैं, अध्ययन के लेखकों में postdoctoral पहले लेखक श्रीमोनटा गायेन, पीएच.डी., और दो स्नातक छात्रों, एमिली मैक्लैरी और माइकल हीनटेन हैं ।

इस शोध को राष्ट्रीय स्वास्थ्य संस्थान (GM07544, HD080280 और OD008646) , मार्च ऑफ डाइम्स और मिशिगन यूनिवर्सिटी बेसिक साइंसेज और प्रजनन विज्ञान कार्यक्रम द्वारा वित्त पोषित किया गया। यू-एम सीक्वन्सिंग कोर फसिलिटी का भी इस्तेमाल किया गया।

संदर्भ: PNAS प्रारंभिक संस्करण, डोई: 10.1073 / pnas.1515971113