टैगोर के गानें दुनिया भर के लिये

फ़रवरी 2, 2017
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जोनाथन ग्ला, जो ग्रैमी नामांकित पायनियर हाई स्कूल आर्केस्ट्रा के निदेशक हैं,  मौसमी बनर्जी, यू-एम सार्वजनिक स्वास्थ्य स्कूल में प्रोफेसर, अौर राजीब चक्रवर्ती, सरोद वादक का परिचय करते हुये।जोनाथन ग्ला, जो ग्रैमी नामांकित पायनियर हाई स्कूल आर्केस्ट्रा के निदेशक हैं, मौसमी बनर्जी, यू-एम सार्वजनिक स्वास्थ्य स्कूल में प्रोफेसर, अौर राजीब चक्रवर्ती, सरोद वादक का परिचय करते हुये।एन आर्बर — मिशिगन यूनिवर्सिटी की प्रोफेसर मौसमी बनर्जी भारतीय कवि, लेखक और संगीतकार रवींद्रनाथ टैगोर के गाने सुनते अौर गाते हुये बढ़ी हुई।

अब, वो उन गानों को सबसे लोकप्रिय और स्थापित पश्चिमी संकेतन में कन्वर्ट करके वैश्विक समुदाय के लिए संगीत और अधिक सुलभ बनाने की कोशिश कर रही हैं।

“टैगोर के 2,200 गीत उनकी कृतियों के रत्न हैं जो उनके काव्यात्मक काम और संगीत रचनाओं का संलयन हैं,” बनर्जी ने कहा जो यू-एम सार्वजनिक स्वास्थ्य स्कूल में जैव सांख्यिकी की प्रोफेसर हैं। “लेकिन यह गीत भारतीय संकेतन में हैं जो पश्चिमी दुनिया के लिये कठिन हैं।”

इस यात्रा में उनके साथी सरोद गुणी राजीब चक्रवर्ती हैं और एक साथ मिलकर उन्होंने गैर-लाभकारी संस्था टैगोर बीऑन्ड बाउन्ड्री बनाई जो टैगोर के गीतो को परिवर्तित करके ऑनलाइन प्रकाशित कर रहा हैं।

रवींद्रनाथ टैगोर एक रत्न हैं , जिनका 19 वीं और 20 वीं सदी में प्रमुख सांस्कृतिक प्रभाव था। वे एक कवि, संगीतकार और चित्रकार थे।

उन्होंने अपना शिक्षण संस्थान भी शुरू किया और 1913 में साहित्य के क्षेत्र में नोबेल पुरस्कार प्राप्त करने वाले पहले एशियाई थे। उनकी रचनाओं में से दो राष्ट्रगान हैं — “‘भारत का” जन गण मन “और बांग्लादेश का आमार सोनार बांग्ला”।

बचपन से टैगोर के संगीत बनर्जी की रोजमर्रा की जिंदगी में शामिल थे। उनकी मां उन्हें लोरी के रूप में गाती थी; उन्होंने उसे समारोहों में और रेडियो पर सुना। वे सिर्फ गीत नही थे। “वे मेरे निरंतर साथी थे, जब मैं पहली बार अमेरिका आई, उन गानों ने मुझे सांत्वना और अपार शांति दी और मैं उन्हें दुनिया के साथ बाँटना चाहती हूँ,” उन्होंने कहा।

नोट करें

इस संगीत को बाँटने में सबसे बड़ी बाधा संकेतन है जो संगीत की बनावट, लय, अौर गति के बारे में बताता हैं।

मौसमी बनर्जी पायनियर हाई स्कूल में आर्केस्ट्रा के छात्रों के साथ रवीन्द्रनाथ टैगोर के बारे बात करते हुये , जिन्होनें 2200 से अधिक बंगाली गाने के लिए संगीत लिखेमौसमी बनर्जी पायनियर हाई स्कूल में आर्केस्ट्रा के छात्रों के साथ रवीन्द्रनाथ टैगोर के बारे बात करते हुये , जिन्होनें 2200 से अधिक बंगाली गाने के लिए संगीत लिखेसंकेतों संवाद करने के लिए एक दृश्य सहयोगी है। टैगोर गीत भारतीय संकेतन अकरमात्रिक स्वरलिपि में लिखे गये हैं।बनर्जी उन्हें पश्चिमी संकेतन में बदलना चाहती हैं जो सबसे लोकप्रिय और स्थापित रूप हैं।

हर गीत के लिए वेबसाइट एक बंडल देता है जिसमें अंग्रेजी में गीत और पश्चिमी संगीत संकेतन शामिल हैं। यह भी मदद करने के लिए संगीतकारों के लिये एक मिडी फाइल भी शामिल हैं जो संगीत को कई अलग अलग संगीत वाद्ययंत्र जैसे कि पियानो, गिटार में बजाता हैं।

“हमनें 100 टैगोर गीत पश्चिमी संकेतन में बदले है,” चक्रवर्ती ने कहा। “हमारा लक्ष्य 500 गानों को पश्चिमी संकेतन प्रणाली में बदलना है जो टैगोर के संगीत की गहराई का प्रदर्शन करेंगे।”

भाषा बाधाओं से मुक्त

चक्रवर्ती उम्मीद करते है कि यह प्रतिलेखन टैगोर की सूची के साथ अनुभव का अवसर प्रदान करेगें।

“और इस संगीत से अपरिचित लोगों के लिए, हम आशा करते है कि प्रतिलेखन भाषा बाधाओं से मुक्त अवसर प्रदान करेगा,” उन्होंने कहा।

इस प्रतिलेखन ने निश्चित रूप से पायनियर हाई स्कूल के छात्रों की मदद की हैं। “यह हमारे छात्रों को कुछ नया सीखने के लिए बहुत बढ़िया अनुभव था।एक विश्व प्रसिद्ध विशेषज्ञ से सीखने से अौर बेहतर क्या हो सकता हैं,” ग्ला ने कहा।

“पायनियर हाई स्कूल के छात्र की भागीदारी के साथ, हम दुनिया में टैगोर के गाने लाने में सफल हुये हैं,” बनर्जी ने कहा।

अधिक जानकारी:
मौसमि बनर्जी: myumi.ch/aA7b2
टैगोर बीऑन्ड बाउन्ड्री: myumi.ch/aX9rb