पर्याप्त नींद नहीं लेने से बढ़ती हैं दिल की बीमारियां

मार्च 11, 2014
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अध्ययन के मुताबिक नींद मूल्यांकन के स्क्रीनिंग से बच्चों में कार्डीऐमेटोबोलिक रोग पता चल सकता है

सिनसिनाटी , ओहियो – मोटापे से ग्रसित किशोरों को पर्याप्त नींद नहीं मिल रहा है ? बाल रोग के जर्नल में एक अध्ययन दिखाता है कि उनमें मधुमेह , हृदय रोग और स्ट्रोक के विकास होने का खतरा ज्यादा है।

नींद की कमी और मोटापा वयस्कों और छोटे बच्चों में हृदय और मेटोबोलिक रोगों से जुडो हुआ है।

यूनिवर्सिटी ऑफ मिशिगन और बेयलर यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने 37 मोटे किशोरों को, जो 11-17 साल के थे, का अध्ययन किया। प्शोध के दौरान हृदय व मेटोबोलिक से जुड़े खतरे के अध्ययन के लिए कोलेस्ट्रॉल, रक्त में शुगर की मात्र, बॉडी मास इंडेक्स (बीएमआइ) और ब्लड प्रेशर का पता लगाया गया। हैदी बी इगलीरेगर और उनके सहयोगियों के मुताबिक, किशोरों और युवाओं में नींद की कमी और मोटापे में एक संबंध देखा गया, जो दिल की बीमारियों के खतरे को काफी बढ़ा देता है।

किशोरों में शारीरिक गतिविधि पर नजर रखने के लिये और नींद के विशिष्ट पैटर्न को मापने के लिए सात दिनों के लिए, 24 घंटे एक मानिटर पहनाया गया।

प्रतिभागियों में से एक तिहाई से कम हर दिन 60 मिनट के लिये फिज़िक्ली ऐक्टिव थे। अधिकांश हर रात लगभग सात घंटे सोये अौर आम तौर पर कम से कम रात को एक बार जागे। केवल पाँच प्रतिभागियों आठ और एक आधे घंटे सोये।

यहां तक कि बीएमआई और शारीरिक गतिविधि कारकों को नियंत्रित करने के बाद भी नींद के निम्न स्तर मोटे किशोरो में कार्डीऐमेटोबोलिक रिस्क का एक महत्वपूर्ण कारन है।

“शरीर की संरचना और शारीरिक गतिविधि के प्रभाव को नकारा करने के बाद भी नींद की कमी और कार्डीऐमेटोबोलिक रिस्क के बीच बडा असोशीऐशन है, ” प्रमुख लेखक हैदी बी इगलीरेगर , पीएच.डी. , पर्यवेक्षक कहती हैं।

यह शोध द जर्नल ऑफ पीडीएटिक्स में प्रकाशित हुआ है।
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संदर्भ: ” नींद की अवधि मोटे किशोरों में cardiometabolic जोखिम की भविष्यवाणी , ” बाल रोग , DOI 10.1016/j.jpeds.2014.01.034 की पत्रिका.

लेखक : हेइडी बी IglayReger , पीएच.डी. , मार्क डी. पीटरसन , पीएच.डी. , एमएस , Dongmei लियू , पीएच.डी. , क्रिस्टीन ए पार्कर , एमएस , सुसान जे Woolford , एमडी, mph , बेथानी जम्मू . ( Sallinen ) Gafka , पीएच.डी. , Fauziya हसन, एमडी, एमएस , और पॉल एम. गॉर्डन , पीएच.डी. , mph