फैक्ट्रियों में ग्रीन टैक्नोलॉजी ऊर्जा बचा कर लाभ, उत्पादकता बढ़ाता है
एन आर्बर: एक नए अध्ययन से पता चलता है कि कारखानों में एलईडी रोशनी लगाने से न केवल ऊर्जा की बचत होती है बल्कि उत्पादकता और मुनाफे में भी बढ़त होती है।
एल ई डी – या प्रकाश उत्सर्जक डायोड – पारंपरिक रोशनी की तुलना में कम गर्म होते हैं, अौर इस वजह से कारखानों को ठंडा रखने में मदद करते हैं।
2010-2013 के बीच बैंगलोर, भारत में 25 कपड़ों के कारखानों में किये गये अध्ययन के अनुसार, कम गर्म फैक्ट्रीयाँ मज़दूरों को राहत देती हैं जिससे अनुपस्थित कम होने की संभावना होती है – जो नियोक्ताओं के लिए एक बड़ी समस्या हैं।
“हीट से थकान की वजह से शरीर की क्षमता कम हो जाती हैं अौर श्रमिक उत्पादन लक्ष्य पूरा कर नही पाते,” Achyuta Adhvaryu ने कहा जो यूनिवर्सिटी ऑफ़ मिशिगन के रॉस बिजनेस स्कूल में सहायक प्रोफेसर और अध्ययन के एक लेखक हैं।
कई मंजिलों के इन कारखानों में काम की परिस्थिति बहुत व्यस्त होती है। लगातार मशीनें चलती हैं अौर यहाँ सैकड़ों कारीगर काम करते हैं। इसी तरह की स्थिति बांग्लादेश, चीन, इंडोनेशिया, वियतनाम जैसे अन्य प्रमुख निर्यातक देशों में भी पाए जाते हैं। दुनिया-भर में परिधान उद्योग की वैल्यू बीस खरब से भी ज़्यादा हैं।
अनुमान हैं कि जलवायु परिवर्तन के कारण विकसित देशों की तुलना में विकासशील देशों में गर्मी बढ़ेगी। इस कारण फैक्ट्रियों को ठंडा रखने के लिए नये तरीके खोजना तेजी से चुनौतीपूर्ण हो जाएगा।
शोधकर्ताओं ने चार साल से भीतर कारखानों में एलईडी रोशनी के रोलआउट का अध्ययन किया। शोध से पता चला कि एल ई डी लगाने में $ 6,300 खर्च हुआ, और प्रति वर्ष 3,000 डॉलर की ऊर्जा की बचत हुई।
लेकिन फैक्ट्रियों का मुनाफा अधिक बुनियादी था – प्रत्येक कारखाने में प्रति दिन $ 41 की वृद्धि, या प्रति वर्ष लगभग $ 13,000 का लाभ हुआ।
“एल ई डी से लाभ ऊर्जा बचत से काफी अधिक था,” Adhvaryu ने कहा।
पेपर के सह लेखक येल विश्वविद्यालय की नम्रता काला और दक्षिणी कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय के अनंत Nyshadam थे।
संबंधित लिंक:
- अध्ययन: https://www.dropbox.com/s/6fld9qdv2cc9upi/AKN_LED_feb2014_combined.pdf
- Achyuta Adhvaryu पर अधिक जानकारी: http://www.achadhvaryu.com