मूंगफली/ पेड़ों के अखरोट से एलर्जी वाले लोग विमान उड़ानों के दौरान कार्रवाई कर खतरा कम कर सकते हैं
मिशिगन विश्वविद्यालय के नेतृत्व में एक नया अंतरराष्ट्रीय अध्ययन उन व्यवहारों की पहचान करता है जिससे एलर्जी की संभावना कम हो सकती है
एन आर्बर: कुछ स्थितियां, जैसे कि हवाई जहाज पर उड़ान के दौरान मूंगफली या पेड़ों के अखरोट से एलर्जी वाले लोगों में एलर्जी की प्रतिक्रिया और मदद प्राप्त करने में असमर्थ, उन्हें उत्तेजित कर देती हैं।
लेकिन एलर्जी और क्लीनिकल इम्यूनोलॉजी जर्नल में प्रकाशित एक नए अध्ययन में शोधकर्ताओं ने पाया कि जिन यात्रियों ने इन आठ कारकों का पालन किया, उन में एलर्जी की प्रतिक्रिया की संभावना कम थी।
“इस अध्ययन से पता चलता है कि उड़ान में मूंगफली और पेड़ अखरोट की एलर्जी एक अंतरराष्ट्रीय समस्या है,” मैथ्यू ग्रीनहाट, एमडी, एमबीए, एमएससी, ने कहा जो यूनिवर्सिटी ऑफ मिशिगन में खाद्य एलर्जी सेंटर और सी एस मौट मे बच्चों के चिकित्सक अौर इस अध्ययन मुख्य लेखक भी हैं। पिछले अनुसंधान केवल अमेरिका में और लोगों की प्रतिक्रियाओं पर केंद्रित थे।
ग्रीनहाट और उनके सहलेखकों ने, जो एलर्जी और ऐनफलैक्सिस ऑस्ट्रेलिया और अंतरराष्ट्रीय खाद्य एलायंस और ऐनफलैक्सिस एलर्जी से जुडे हैं, यात्रियों से अपने उड़ान के अनुभवों के बारे में एक ऑनलाइन सर्वेक्षण भरने के लिए कहा। ११ देशों से ३२०० से अधिक लोगों ने सर्वेक्षण पूरा किया। उन में से ३४९ ने उड़ान के दौरान एलर्जी प्रतिक्रिया की सूचना दी।
मूंगफली या पेड़ों के अखरोट से एलर्जी वाले यात्री जिसने यह कार्रवाई की, उन में प्रतिक्रिया रिपोर्टिंग काफी कम था:
(१) किसी भी सुविधा का अनुरोध
(२) मूंगफली और पेड़ो के अखरोट से मुक्त भोजन का अनुरोध
(३) अपने ट्रे मेज पोंछने के लिये व्यावसायिक पोंछ का उपयोग
(४) एयरलाइन तकिए से परहेज
(५) एयरलाइन कंबल से परहेज
(६) पेड़ो के अखरोट/ मूंगफली मुक्त बफर जोन का अनुरोध
(७) अन्य सहयात्रियों को मूंगफली/ पेड़ो के अखरोट युक्त भोजन से परहेज का अनुरोध और
(८) एयरलाइन प्रदान खाद्य उत्पादों के उपयोग से परहेज
“मूंगफली/पेड़ो के अखरोट से एलर्जी के साथ उड़ान बराबर भागों में निराशा जनक अौर डरावना होता है।” यूनिवर्सिटी ऑफ मिशिगन खाद्य एलर्जी केंद्र के ग्रीनहाट का कहना है कि “यह आठ व्यवहार वाणिज्यिक उड़ान भरने की योजना बना रहे रोगियों को सलाह देने के इच्छुक चिकित्सकों की मदद कर सकता हैं । “
ग्रीनहाट का कहना है कि अधिकांश एयरलाइनें अभी भी मूंगफली और पेड़ो के अखरोट या मूंगफली और पेड़ो के अखरोट मिला हुअा नाश्ता और भोजन परोसते हैं। कनाडा अकेला देश है जहाँ एलर्जी की औपचारिक नीति है, जो केवल एयर कनाडा की उड़ानों पर अग्रिम सूचना के साथ ३-पंक्ति का एक बफर क्षेत्र उपलब्ध करता हैं।
“जब तक औपचारिक नीतियाँ लागू नही होती हैं, इन सरल, व्यावहारिक उपायों से चिंता कम हो सकती हैं। “
अध्ययन ने यह भी पाया गया कि एपिनेफ्रीन, एक आम और प्रभावी उपचार, का उड़ान में कम प्रयोग किया गया। केवल १३.३% यात्रियों ने प्रतिक्रिया के इलाज में एपिनेफ्रीन प्राप्त किया। उड़ान दल के सदस्य को प्रतिक्रियाओं के बारे में ५०.१% सूचित किया गया। ५ साल पहले अमेरिका में यात्रियों की ऐसे ही अध्ययन में, ग्रीनहाट ने एपिनेफ्रीन के उपयोग को इसी तरह कम दरों में पाया।
“९८ प्रतिशत यात्रियों को व्यक्तिगत एपिनेफ्रीन उपलब्ध होने के बावजूद, प्रतिक्रिया के इलाज के लिये एपिनेफ्रीन का कम इस्तेमाल किया गया। उड़ान दल के सदस्य को हमेशा प्रतिक्रियाओं के बारे में सतर्क नहीं किया गया, लेकिन जब ये हुआ, दिलचस्प है कि उच्च बाधाओं में प्रतिक्रिया के इलाज के लिए एपिनेफ्रीन का इस्तेमाल हुअा,” ग्रीनहाट ने कहा।
इलाज में एपिनेफ्रीन का उपयोग राष्ट्रीयता से प्रभावित नहीं था।
“हमें अभी भी लगता है कि उड़ान में प्रतिक्रिया का जोखिम छोटा है, लेकिन यह कल्पना करना मुश्किल है हवाई जहाज में ३५,००० फीट की ऊँचाई में प्रतिक्रिया होने पर कितना असहाय लगता हैं,” ग्रीनहाट ने कहा। “लेकिन इस अध्ययन से कुछ चीजों की पहचान कर यात्रियों की चिंता कम की जा सकती हैं। हम चाहते हैं कि वो विमान में यात्रा करे। अौर यह उनके जीवन की गुणवत्ता में सुधार में मदद कर सकता हैं। “
“लेकिन अधिक महत्वपूर्ण बात यह हैं कि, इन निष्कर्षों से एयरलाइनों को एक प्रारंभिक बिंदु मिलता हैं जिससे वो यात्रियों के साथ काम करके खतरा कम कर सकते हैं।” ग्रीनहाट कहते हैं कि इन यात्रीयों मे खतरा कम करने वाले व्यवहार की प्रभावशीलता और एपिनेफ्रीन का बेहतर उपयोग करने के शैक्षिक प्रयासों का भविष्य में अध्ययन करना आवश्यक है।
†अतिरिक्त लेखक: सिडनी में एलर्जी और ऐनफलैक्सिस ऑस्ट्रेलिया, न्यू साउथ वेल्स, ऑस्ट्रेलिया: फिअोना मेकगीलीवरे, जेरालडीन बेत्टी और मारिया साअेद, बैटल क्रीक, मिशिगन में वैश्विक खाद्य सुरक्षा संस्थान: क्रिस्टोफर वाइस, पीएचडी
धन: अनुसंधान के लिए राष्ट्रीय केंद्र और यूनिवर्सिटी ऑफ मिशिगन खाद्य एलर्जी सेंटर द्वारा भाग समर्थित
प्रशस्ति पत्र: http://dx.doi.org/10.1016/j.jaip.2013.01.002
यूनिवर्सिटी ऑफ मिशिगन स्वास्थ्य प्रणाली के सी एस मोट बच्चों के अस्पताल के बारे में:
१९०३ से यूनिवर्सिटी ऑफ मिशिगन ने बच्चों के देखभाल में विशेषीकृत स्वास्थ्य सेवा का नेतृत्व किया है। गर्भाशय में दिल की सर्जरी से आपातकालीन देखभाल तक जब आप को इसकी ज़रूरत है, दुनिया-भर से परिवार यूनिवर्सिटी ऑफ मिशिगन सी एस मोट अस्पताल के हमारे बाल चिकित्सा विशेषज्ञता के लिए अाते है। २०१३ में, सीएस मोट बच्चों के अस्पताल को
पेरन्ट्स पत्रिका के देश में १० सर्वश्रेष्ठ बच्चों के अस्पताल रैंकिंग में आठवें स्थान प्राप्त था।
अधिक जानकारी के लिये www.mottchildren.org
सीएस मोट बच्चों का अस्पताल एक खाद्य एलर्जी क्लिनिक संचालित करता है, विशेष रूप से खाद्य एलर्जी और इओसिनोफिलिक जठरांत्र संबंधी विकार के रोगियों की देखभाल के लिए बनाया गया है।
अधिक जानकारी यहाँ उपलब्ध है: http://mottchildren.org/our-locations/df-allergy