सकल घरेलू उत्पाद दुनिया भर में ऑटो बिक्री का पूर्वानुमान देता हैं

फ़रवरी 26, 2013
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एक आदमी एक कार की खिड़की पर स्टीकर कीमत पढ़ताएन आर्बर: व्यक्तिगत आय, ब्याज की दरें में और गैस की कीमत सभी ऑटो बिक्री को प्रभािवत करती हैं , लेकिन एक देश के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) भी नई बिक्री का अच्छा संकेत है, यूनिवर्सिटी ऑफ़ मिशिगन परिवाहन अनुसंधान संस्थान के शोधकर्ता ने कहा।

48 देशों के एक नए अध्ययन में, यूनिवर्सिटी ऑफ़ मिशिगन परिवाहन अनुसंधान संस्थान के प्रोफेसर माइकल सीवेक ने पाया कि सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के लघुगणक 2005 से 2011 तक लगभग 90 प्रतिशत वाहनों की बिक्री के लघुगणक विचरण के जिम्मेदार थे।

“ये संबंध इन सात साल के दौरान संयुक्त और प्रत्येक वर्ष के लिए संघटित था अौर इस अवधि में आर्थिक समृद्धि और आर्थिक मंदी दोनों शामिल थे,” उन्होंने कहा।

इस समय के दौरान सीवेक ने पाया कि ४८ देशों की जीडीपी मूल्य प्रति औसत १८६९ वाहनों के लिए १ अरब डॉलर निकला। यह आंकड़ा २००७ और २००८ में २३७५ वाहनों तक पहुंचा, और २००९ की आर्थिक मंदी में १३१७ वाहन हुअा।

अलग – अलग देशों में वार्षिक वाहन बिक्री १६,००० से लेकर १८.५ मिलियन तक बताया गया। ‘देशों की व्यक्ति वार्षिक सकल घरेलू मूल्यों वर्ष 2000 डॉलर में २३ अरब डॉलर से ११.७ खरब तक बताया गया।

जांच देशों में भारत, अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, ऑस्ट्रिया, बेल्जियम, ब्राजील, कनाडा, चिली, चीन, कोलंबिया, चेक गणराज्य, डेनमार्क, मिस्र, फिनलैंड, फ्रांस, जर्मनी, ग्रीस, हंगरी, इंडोनेशिया, आयरलैंड, इजरायल, इटली, जापान , लक्समबर्ग, मलेशिया, मेक्सिको, नीदरलैंड, न्यूजीलैंड, नार्वे, पाकिस्तान, फिलीपींस, पोलैंड, पुर्तगाल, रोमानिया, रूस, स्लोवाकिया, स्लोवेनिया, दक्षिण अफ्रीका, दक्षिण कोरिया, स्पेन, स्वीडन, स्विट्जरलैंड, थाईलैंड, तुर्की, संयुक्त किंगडम, संयुक्त राज्य अमेरिका, उरुग्वे और वेनेजुएला शामिल थे।