सेल्फ ड्राइविंग कारों से उत्पादकता पर सीमित असर पड़ेगा

india-self-driv 14912985 e0ac8b35b983c27ffa87ecd5957d8faf4e57314cएन आर्बर- सेल्फ ड्राइविंग कारों से सुरक्षा और गतिशीलता के मुख्य लाभ दिखाई देते हैं, लेकिन इसका असर उत्पादकता पर भी पड सकता है। या शायद नहीं, मिशिगन यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं का कहना है।

“अभी, अमेरिका में लोग लगभग एक घंटा सफर में बिताते हैं। यह समय वे किसी अौर उत्पादक काम में बिता सकते है,” माइकल सीवाक ने कहा।”वास्तव में, उत्पादकता में वृद्धि सेल्फ ड्राइविंग कारों से लाभ में से एक है।”

सवाल यह है, कि अगर वे स्टीयरिंग वील के पीछे नहीं हैं तो इस अतिरिक्त घंटे में वे क्या करेंगे। उ-एम परिवहन अनुसंधान संस्थान के ब्रैंडन शोएटल और माइकल सीवाक ने भारत और पांच अन्य देशों ( अमेरिका, चीन, जापान, ग्रेट ब्रिटेन और ऑस्ट्रेलिया) के 3200 अडल्ट से 2014 में पूछा कि सेल्फ ड्राइविंग वाहनो में वे ड्राइविंग के बजाय किस प्रकार की गतिविधिया करेगें।

उनके डेटा के मुताबिक, लगभग चालीस प्रतिशत भारतीयों का कहना है कि वे इतने आशंकित है अौर इस तरह के वाहनों में वे किसी भी गतिविधियों का प्रयास नहीं करेंगे। लेकिन
लगभग 50 प्रतिशत भारतीयों का कहना है कि उनके गतिविधियों से मोशन सिकनेस बढ़ सकता हैं।

जो लोग अतिरिक्त समय का लाभ लेना चाहते हैं उनमें से लगभग 10 प्रतिशत पढ़ेंगे, 15 प्रतिशत परिवार और दोस्तों के साथ बात करेंगे, लगभग 5 प्रतिशत झपकी लेंगे, 12 प्रतिशत फिल्म या टीवी देखेंगे, 16 प्रतिशत काम करेंगे और 2 प्रतिशत गेम खेलेंगे।

उन्होंने यह भी कहा कि आम तौर पर यात्रा कि अवधि उत्पादक गतिविधि या नींद के लिए कम (लगभग 19 मिनट) थी।

शोधकर्ताओं का कहना है कि सेल्फ ड्राइविंग कारों से उत्पादकता में वृद्धि तभी सभंव हैं जब यह पूरा होगा:
(1) स्वयं ड्राइविंग वाहनों में बैठने वालों में अधिक आत्मविश्वास,
(2) मोशन सिकनेस की समस्या को संबोधित करना; अौर
(3) नान्ट्रडिशनलl बैठने की जगह, और निर्बाधित वस्तुओं से दुर्घटनाओं को सुलझाना

अधिक जानकारी:
• अध्ययन सार (पीडीएफ): चाहेंगे स्वयं ड्राइविंग वाहन निवासी उत्पादकता बढ़ाएँ?
• माइकल सीवाक