यू-एम दंत चिकित्सा स्कूल के प्रोफेसर को कैंसर अनुसंधान के लिए मिला $ 8.1 मिलियन का अनुदान
एन आर्बर – यू-एम दंत चिकित्सा स्कूल के प्रोफेसर निशा डिसिल्वा को सिर और गर्दन के कैंसर पर अनुसंधान के लिए $ 8.1 मिलियन का अनुदान दिया गया है।
निशा डिसिल्वा को सिर और गर्दन के कैंसर को फैलने से रोकने अौर इसकी पुनरावृत्ति को रोकने वाली आणविक विधियों पर जारी उनके अनुसंधान के लिए प्रतिष्ठित सस्टेनिंग आउटस्टैंडिंग अचीवमेंट इन रिसर्च (एसओएआर) अवॉर्ड से सम्मानित किया गया है।
अनुसंधान से रोगियों के जीवित बचने की दर में सुधार में मदद मिल सकती है।
डिसिल्वा को नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ डेंटल एंड क्रेनियोफेशियल रिसर्च (एनआईडीसीआर) का अनुदान 8 सालों में वितरित किया जाएगा।
डी’सिल्वा, डोराल्ड केर कॉलेजिएट प्रोफेसर ऑफ ओरल पैथोलॉजी और दंत चिकित्सा की प्रोफेसर है, और यह पेरियोडेंटिक्स और ओरल मेडिसिन विभाग में सहयोगी अध्यक्ष है। वह यू-एम मेडिकल स्कूल में पैथोलॉजी के प्रोफेसर भी हैं और यू-एम कैंसर सेंटर की सदस्य हैं।
यूनिवर्सिटी ऑफ मिशिगन में स्कूल ऑफ डेंटिस्ट्री की डीन लौरी मैक्काउली ने कहा कि प्रतिष्ठित एसओएआर अनुदान यह बताता है कि एनआईडीसीआर डॉ. डिसिल्वा के अनुसंधान के रिकॉर्ड और उसे आगे बढ़ने की उनकी क्षमता को दिखाता है।
डिसिल्वा ने कहा कि सिर और गर्दन का कैंसर विश्व में 6ठा सर्वाधिक आम कैंसर है और इसके हर साल लगभग 6 लाख नए मामले सामने आते हैं। 5 साल के भीतर लगभग आधे रोगियों की मौत हो जाती है।
डि सिल्वा ने अपनी सफलता के लिये स्स्कूल ऑफ डेंटिस्ट्री में शोध पर जोर और यू-एम के असाधारण सहयोगी वातावरण को ठहराती है।
“हमारे शोध का फोकस आक्रमण है क्योंकि यह सिर और गर्दन के कैंसर की परिभाषा है।” डी सिल्वा ने कहा। “आक्रमण सिर और गर्दन के कैंसर के प्रसार के लिए महत्वपूर्ण है, लेकिन दुर्भाग्य से इससे लडने के लिये कोई रणनीतियों नहीं है जो प्रभावी ढंग से आक्रमण को लक्षित करता है। यह ज्ञान में अंतर आक्रमण को नियंत्रित करने वाली अंतर्निहित तंत्रों को पहचानने और समझने में सीमित प्रगति है।”
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