रजनीकांत के प्रशंसकों पर डाक्यूमेन्टरी का प्रीमियर वेनिस फिल्म फेस्टिवल में होगा
ऐन आर्बर – मिशिगन यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर जायजित पाल दक्षिण भारत में एक ग्रामीण स्कूल में कंप्यूटर के उपयोग पर अध्ययन कर रहे थे जब उन्होंने कुछ अजीब देखा – स्कूल के अधिकांश बच्चों ने कहा कि वे कंप्यूटर इंजीनियर बनना चाहते थे हालांकि उनके पास बहुत कम प्रौद्योगिकी थी।
पाल को बाद में पता चला कि बच्चों ने अभिनेता रजनीकांत की एक एक्शन फिल्म देखी थी जिसमे वे एक कंप्यूटर इंजीनियर की भूमिका निभा रहे थे।
एक साल बाद, पाल ने तमिलनाडु के एक ग्रामीण के बारे में पढ़ा जो रजनीकांत के नये फिल्म की सफलता के लिए अपने घुटनों पर एक हजार से अधिक सीढ़ियाँ चढ़ने की योजना बना रहे थे।
पाल ने एम्सटर्डम में बसी बचपन की दोस्त और फिल्म निर्माता रिंकू कलसी के साथ यह खबर शेर की। वे उस फैन से मिलने गये और रजनीकांत के प्रशंसको पर एक फिल्म का विचार पैदा हुआ।
“मैं इन लोगों के बारे में और अधिक जानकारी प्राप्त करना चाहता था जिनकी रजनीकांत के लिये भक्ति और जुनून को रोका नहीं जा सकता है,” यू-एम के सूचना स्कूल में सहायक प्रोफेसर पाल ने कहा।
पाल द्वारा निर्मित और कलसी द्वारा निर्देशित डाक्यूमेन्टरी “फार द लव आफ ए मैन”, का प्रीमियर सितंबर में वेनिस फिल्म फेस्टिवल में होगा। इस फिल्म में पाल ने अपने जीवन की बचत का निवेश किया है।
अभिनेता को उनके फैन एक प्रिय नेता के रूप में देखते है। 64-वर्षीय रजनीकांत के जीवन की कहानी काफी रोमांचक है – वे बस कंडक्टर से भारत के सबसे बडे फिल्म स्टार बने। अपने सबसे सफल सालों के दौरान, वो जैकी चैन के बाद, एशिया के सबसे सफल अभिनेता थे।
रजनीकांत ने तमिल सिनेमा में कई भूमिकायें निभाई है। उनके अभिनय शैली में कॉमेडी, रोमांस और एक्शन – सबका मिश्रण है।
रजनीकांत को समर्पित 1,50,000 से अधिक फैन क्लब हैं जो दुनिया भर में फैले हुये है चाहे वो जापान का शहर हो या तमिलनाडु का गांव। पिछले साडे चार साल में, पाल और उनकी टीम ने इन फैन के जीवन को ट्रैक किया है।
इस डाक्यूमेन्टरी के दौरान फैन ने क्लब चलाने के लिए अपने घरों को बेच दिया, रजनीकांत की फिल्मों की सफलता के लिए प्रार्थना सभाओं का आयोजन किया और पत्नियों के खोज में भी रजनीकांत के प्रशंसकों होने की शर्त रखी।
डाक्यूमेन्टरी में मणि नाम का फैन है जो मूंगफली विक्रेता हैं। इससे पहले वो गैंगस्टर था और अब एक स्थानीय राजनीतिज्ञ बन गया हैं। वो भी रजनीकांत प्रशंसक है और उनकी फिल्मों के रिलीज से पहले सभाओं का आयोजन करता हैं। कुछ बाकी फैन रजनीकांत के गाने, संवादों और नृत्य की नकल कर रोजी रोटी चलाते हैं।
“यह डाक्यूमेन्टरी दिखाता है कि प्रशंसक होने का कोई तरीका नहीं होता है। यह लोगों के वास्तविक जीवन पर एक नज़र है,” पाल ने कहा जो फिल्म के शोधकर्ता भी हैं।
इस डाक्यूमेन्टरी के दौरान पाल भी रजनीकांत के फैन हो गये है। उन्होंने अपनी पत्नी के साथ रजनीकांत की फिल्म के उद्घाटन में भाग लिया। “उसके बावजूद सब ठीक- ठाक है,” पाल ने हँसकर कहा।
पाल और कलसी ने जब वित्त पोषण के लिए कुछ भागों को दिखाया तो उसे कुछ पुरस्कार मिले। इसके अलावा, पाल ने भारतीय क्राउडसोर्सिंग वेबसाइट विशबेरी पर फिल्म के संपादन खत्म करने के लिये लगभग चार लाख रूपये उठाये।
“मुझे यह फिल्म बनाने मे आनंद मिला है,” पाल ने कहा। “समकालीन भारत में लोगों की आकांक्षाओं की कहानियों से मुझे प्यार है चाहे वो शोध हो या डाक्यूमेन्टरी।”
सब की कड़ी मेहनत के बाद, वेनिस फिल्म महोत्सव में विश्व प्रीमियर बहुत अच्छा लग रहा है, पाल ने कहा।
“मैं फिल्म को हॉल मे रिलीस करने चाहता हूँ,” पाल ने कहा “ताकि सब यह फिल्म देख सके।”
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