Twitter ने नरेंद्र मोदी को बनाया ऑनलाइन ब्रांड

मार्च 18, 2016
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एन आर्बर- भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने सरकार की पहली सालगिरह पर चर्चा करने के लिए संवाददाता सम्मेलन आयोजित करने से मना कर दिया। इसके बजाय उन्होंने ट्वीट किया।

मोदी 18 लाख से अधिक अनुयायियों के साथ अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा के बाद ट्वीटर पर दुनिया के नंबर 2 लोकप्रिय राजनीतिज्ञ, बन गये है। जिस तरह से उन्होनें सामाजिक मीडिया का इस्तेमाल किया है, वो यूनिवर्सिटी ऑफ मिशिगन के स्कूल ऑफ इन्फॉर्मेशन में सहायक प्राध्यापक जयजीत पाल और उनके टीम के शोध का विषय बन गया हैं।

पाल ने पांच साल की अवधि में किए गए मोदी के 6,000 से अधिक ट्वीट का विश्लेषण किया। उन्होंने कहा ”ट्विटर पर संदेशों की विचारपूर्ण संरचना ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक प्रभावशाली ऑनलाइन ब्रांड बनने में, उन्हें उनके समस्या खड़ी करने वाले अतीत से बाहर आने में और प्रौद्योगिकी की समझ रखने वाले ऐसे नेता के तौर पर उभरने में मदद की जो अपने मतदाताओं से सीधे बात करता है।”

मोदी के लोकप्रिय ट्वीट में शामिल हैं यह जब उनकी पार्टी मई 16, 2014 को आम चुनावों में विजयी हुई – “भारत जीत गया”। यह भारत में ट्विटर के इतिहास में सबसे अधिक रीट्वीट हुआ है।

पाल ने कहा कि वह (मोदी) भारत के अब तक के ऐसे प्रधानमंत्री के रूप में उभरे जो सर्वाधिक परस्पर संवादात्मक है। उन्होंने कहा ”आप चाहे एक नागरिक हों, अखबार के संवाददाता हों या फिर टेलीविजन चैनल के संवाददाता हों… अगर आप मोदी को सुनना चाहते हैं तो कृपया सोशल मीडिया फीड पर जाएं।”

पाल ने कहा कि भारत अमेरिका की तरह नहीं है जहां सरकार के प्रमुख के संवाददाता सम्मेलन में नियमित नजर आने की उम्मीद हो। उन्होंने कहा कि संदेश देने के लिए अपने खुद के सोशल मीडिया का उपयोग कर मोदी सकारात्मक तथा गैर विवादित ट्वीट करते हैं और अपने संदेश को नियंत्रित कर लेते हैं।

अध्ययन ने 2009- 2014 के पांच साल की अवधि को चार चरणों में बाटा हैं:

•     प्रारंभिक ट्वीट्स
•     गुजरात में चुनाव
•     राष्ट्रीय चुनाव
•     प्रधानमंत्री का मंत्रालय

पाल का अध्ययन ”इकोनॉमिक एंड पॉलिटिकल वीकली” में प्रकाशित हुआ है।

“13 सितंबर, 2013 को, अपने जन्मदिन पर, उनके खाते ने अचानक से अपने सबसे सक्रिय अनुयायियों को फौलो किया,” पाल ने कहा। इसे । यह केवल समय था जब मोदी ने लोगों की एक संख्या के बाद रहता है,” पाल ने बताया कि यह कार्रवाई के लिए एक फोन के रूप में देखा गया था। फौलोरो ने तुरंत अपने प्रोफाइल को मोदी के फोटो में बदल दिया और अभियान को आगे बढाया।

इस शोध में पिछले चुनाव के दौरान भारतीय जनता पार्टी के प्रचार में आए मूलभूत बदलाव का भी जिक्र है। मोदी इस प्रचार के केंद्र बिन्दु थे। पाल ने कहा ”परंपरागत रूप से भाजपा को एक मजबूत पार्टी के रूप में देखा जाता है और नेता हमेशा दूसरे स्थान पर रहा चाहे वह कितना भी मजबूत क्यों न हो। इन चुनावों में सोशल मीडिया की पूरी बहस मोदी के बारे में थी, न कि पार्टी के बारे में।”

उन्होंने कहा कि इसका एक बेहतर उदाहरण ”सेल्फी विद मोदी” अभियान है। लोगों ने मतदान केंद्रों पर अपनी उंगली पर लगाई गई मतदान की स्याही का निशान दिखाते हुए मोदी के कटआउट्स के साथ सेल्फी ली और हैशटैग का इस्तेमाल करते हुए इन तस्वीरों को पोस्ट किया।

पाल के अनुसार, हैशटैग का उपयोग करने के इस नए तरीके से फालोवरों को नेता की पहल में सीधे योगदान और भागीदारी करने का अहसास हुआ और यह एक राजनीतिक नेता द्वारा ट्विटर का अनूठा उपयोग था।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के तौर पर #नरेंद्रमोदी हैंडल पर पोस्ट किए गए हर ट्वीट पर रीट्वीट होता है और कम से कम 1000 बार इसे पसंद किया जाता है।

उन्होंने कहा ”प्रधानमंत्री बनने के बाद भारत के नेता का लहजा बदल कर एक भद्र शासक वाला हो गया है जो अधिक सराहनीय है और उनके शब्द प्रेरणादायी होते हैं। ट्विटर पर इसके जवाब को भारत के गर्वगान के तौर पर देखा गया।”

 

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