अंतरिक्षीय उड़ान के दौरान बदलता है अंतरिक्षयात्रियों के मस्तिष्क का आकार
एन आर्बर — अंतरिक्ष मिशन के पहले और बाद के -MRIs से पता चलता है कि अंतरिक्ष की यात्रा के दौरान अंतरिक्षयात्रियों के मस्तिष्क के आकार में बदलाव होता है। इसमें संकुचन भी हो सकता है और विस्तार भी हो सकता है, मिशिगन यूनिवर्सिटी का अध्ययन बताता हैं।
मिशिगन यूनिवर्सिटी में किनसिलोजी और मनोविज्ञान के प्रोफेसर राशेल सीडलर ने कहा कि यह शोध मस्तिष्क फंगक्शन के इलाज में मदद कर सकता है।
इस अध्ययन को ऐसा पहला अध्ययन माना जा रहा है, जो अंतरिक्ष यात्रा के दौरान अंतरिक्षयात्रियों की संरचना में होने वाले बदलावों का आकलन करता है। इसमें यह पाया गया है कि इस दौरान मस्तिष्क के आयतन में वृद्धि या कमी होती है और इस बदलाव का परिमाण अंतरिक्ष में गुजारे गए समय पर निर्भर करता है।
सीडलर और उनके सहयोगियों ने अंतरिक्ष शटल में दो सप्ताह गुजार चुके 12 अंतरिक्षयात्रियों के संरचना संबंधी एमआरआई का अध्ययन किया। इसके अलावा उन्होंने अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर छह माह गुजार चुके 14 लोगों के एमआरआई का अध्ययन किया।
”हमने पाया कि मस्तिष्क के बड़े हिस्सों के आयतन में कमी आती है। यह कमी अंतरिक्ष में विशेष तरल :सेरेब्रोस्पाइनल फ्लुड: के पुनर्वितरण से संबंधित हो सकता है।” उन्होंने कहा, ”तरल को शरीर में नीचे की ओर खींचने के लिए गुरूत्व उपलब्ध नहीं होता, इसी कारण अंतरिक्ष में चेहरा फूला हुआ लगता है। इसका नतीजा मस्तिष्क की स्थिति या दबाव में बदलाव के रूप में भी सामने आ सकता है,” प्रोफेसर राशेल सीडलर ने कहा।
“भले ही आपको किसी चीज से प्यार हो, आप उसका अभ्यास दिन में एक घंटे से भी अधिक नहीं करेगें,” सीडलर ने कहा।
लेकिन शोधकर्ताओं ने देखा कि मस्तिष्क में परिवर्तन किसी नए कौशल को चौबीस घंटे अभ्यास करने के लिए बराबर थे।
हालांकि उंहोनें परिवर्तन की सही प्रकृति को ठीक से निर्धारित नहीं किया है, लेकिन निष्कर्ष कुछ स्वास्थ्य स्थितियों के बारे में नए सोच के तरीके दिखाता हैं — उदाहरण के लिए, वो लोग जो लंबी अवधि से बेड रेस्ट पर है या वो लोग जिनका सामान्य दबाव जलशीर्ष है, जिसमें मस्तिष्कमेरु द्रव रीढ़ की हड्डी मस्तिष्क में जम कर दबाव देता है।
सीडलर ने कहा कि मस्तिष्क में परिवर्तन के न्यूरॉन्स के बीच नए कनेक्शन को दिखाता है, और वो एक और लंबी अवधि का अध्ययन शुरू कर रही हैं जो अनुभूति और शारीरिक प्रदर्शन पर प्रतिक्रिया का निर्धारण करेगा अौर साथ ही कितनी देर तक मस्तिष्क पर टिकता है। उदाहरण के लिए, संतुलन रिटर्न होने के बाद भी, मस्तिष्क अलग पाथवे का इस्तेमाल करता है जो अंतरिक्ष में मस्तिष्क परिवर्तन से हुआ हैं।
इस अनुसंधान को नासा का अनुदान मिला।
यह अध्ययन, “अंतरिक्ष यात्रा से मस्तिष्क में संरचनात्मक प्लास्टिसिटी” ‘नेचर माइक्रोगैविटी’ नामक जर्नल में प्रकाशित हुआ है।
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