मंगल ग्रह ‘का माहौल इतना पतला कैसे हुआ: क्युरीआसटी से नई अंतर्दृष्टि
एन आर्बर – नासा के “क्युरीआसटी” रोवर से नए निष्कर्ष वैज्ञानिकों के लिये सुराग प्रदान करते हैं कि मंगल ग्रह ने अपना मूल वातावरण कैसे खो दिया। वैज्ञानिक विश्वास करते हैं कि मंगल ग्रह का वातावरण आज की तुलना में पहले काफी घना था।
“इन मापों की सुंदरता यह हैं कि यह मंगल ग्रह ‘वातावरण की रचना के पहले उच्च सुस्पष्टता माप हैं,” सुशील अत्रेय ने कहा जो यूनिवर्सिटी ऑफ मिशिगन में वायुमंडलीय, समुद्री और अंतरिक्ष विज्ञान के प्रोफेसर विज्ञान। अत्रेय साइंस के जुलाई १९ अंक में प्रकाशित दो संबंधित पेपर के सह लेखक हैं। क्युरीआसटी रोवर के मंगल ग्रह नमूनो के विश्लेषण (एसएएम) उपकरणों में वो वो सह अन्वेषक है। इसे क्युरीआसटी रोवर का आधारशिला प्रयोगशाला माना जाता हैं।
नासा के प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, एसएएम ने मंगल ग्रह के निवासी हवा के नमूनों में विभिन्न गैसों और आइसोटोप के बाहुल्य को मापा। आइसोटोप में एक ही रासायनिक तत्व होता हैं पर न्यूट्रॉन की संख्या अलग होती हैं, जैसे सबसे आम कार्बन आइसोटोप, कार्बन -12, और उसका भारी स्थिर आइसोटोप कार्बन -13, जिसमें एक अतिरिक्त न्यूट्रॉन है।
एसएएम ने कार्बन डाइऑक्साइड में ऑक्सीजन के साथ कार्बन के भारी के अनुपात हल्के आइसोटोप का विश्लेषण किया। कार्बन डाइऑक्साइड मंगल ग्रह के ‘वातावरण को बनाता है। माप ने दिखाया कि कार्बन के भारी आइसोटोप और ऑक्सीजन आज के पतले वातावरण में प्रचुर मात्रा में थे अौर यह ग्रह के गठन में उपयोग हुये कच्चे पदार्थ के साथ तुलना में पता चला (जो वैज्ञानिक को सूर्य और सौर प्रणाली के अन्य भागों में अनुपात से परिणाम निकाल सकते हैं)।
यह ‘मंगल के मूल वातावरण के नाश पर सहायक सबूत देता है अौर नुकसान कैसे हुआ, इसका सुराग भी देता है। नासा की प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार ग्रह का वायुमंडल जमीन अौर निचले वायुमंडल के पारस्परिक प्रभाव से नही बल्कि ऊपरी वायुमंडल से बच निकला है।
“आइसोटोप डेटा स्पष्ट और मजबूत हैं जिसे क्वाडरूपोल मास स्पेक्ट्रोमीटर और टनएबल लेजर स्पेक्ट्रोमीटर, एसएएम सुइट के दो उपकरणों द्वारा स्वतंत्रापूरवक पुष्टि की गई है,” अत्रेय कहा। “ये आंकड़े स्पष्ट सबूत हैं मंगल ग्रह के घने वातावरण के, इसलिए आज के ठंडा, शुष्क वातावरण कि जगह पहले था गर्म, भीगा वातावरण। “
क्युरीआसटी ६ अगस्त २०१२ को मंगल ‘गेल क्रेटर के अंदर उतरा (यूनिवर्सल टाइम, 5 अगस्त पीडीटी पर)।
अधिक जानकारी के लिए:
सुशील अत्रेय: http://www-personal.umich.edu/~atreya/
मंगल ग्रह मल्टीमीडिया कहानी: http://www.engin.umich.edu/college/about/news/dme/mars/#/earth