हिंदी में ट्वीटिंग से राजनीतिज्ञों की पहुंच बढती है

सितम्बर 25, 2018
Written By:
Mandira Banerjee
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Conceptual illustration of tweeting. Illustration credit: Kaitlyn Beukema

एन आर्बर- दिसंबर 2017 में भारतीय राजनेता लालू प्रसाद यादव के हिंदी ट्वीट में कोई राजनीतिक संदेश नहीं था। वे बस अपने अनुयायियों को अपने संदेश को फिर से ट्वीट करने के लिए कह रहे थे। वह ट्वीट वायरल हो गया और हजारों बार शेयर किया गया।

अब मिशिगन यूनिवर्सिटी के एक अध्ययन में पाया गया है कि अंग्रेजी की तुलना में हिंदी में ट्वीट्स को शेयर करने की अधिक संभावना है।

शोधकर्ताओं के मुताबिक, सोशल मीडिया लैंडस्केप 2014 से विकसित हुआ है जब ट्विटर पर अधिकांश ट्वीट्स अंग्रेजी भाषी शहरी आबादी से किए जाते थे।

“सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सोशल मीडिया फॉलोइंग के मामले में सबसे आगे है, जबकि अन्य पार्टियां राजनीतिक पहुंच में सोशल मीडिया की भूमिका को भी पहचान रही हैं,” जॉयजीत पाल ने कहा जो यू-एम स्कूल ऑफ इन्फॉर्मेशन सहायक प्रोफेसर और अध्ययन के मुख्य लेखक हैं।

अध्ययन में पाया गया है कि भारतीय राजनेताओं के 15 री-ट्वीट्स में से 11 हिंदी भाषा के रहे हैं।

पाल और डॉक्टरेट के छात्र लिज बोजार्थ ने अपने शोध के दौरान 274 राजनेताओं और राजनीतिक अकाउंट्स से संबंधित आंकड़ों को एकत्रित किया। इस दौरान दो बातों का विशेष ध्यान रखा गया कि

  1.  नेताओं की पार्टी मशीनरी में आधिकारिक पद क्या और उनके कितने फॉलोअर्स हैं।
  2. कम से कम 50 हजार फॉलोअर्स वालों को ही शामिल किया गया।

मिशिगन यूनिवर्सिटी के अध्‍ययन में पाया कि भारतीय प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ऑनलाइन में महत्वपूर्ण रूप से अग्रणी है लेकिन राहुल गांधी के ट्वीट के औसत ने दूसरे भारतीय राजनेताओं से अधिक हैं।

जनवरी से अप्रैल 2018 के बीच उनके ट्वीट अन्य भारतीय राजनेताओं से लगातार अधिक थे। “इसके पीछे अक्‍सर कविता, कटाक्ष और टकराव की आक्रामक शैली के ट्वीट होते हैं,” पाल ने कहा। अध्‍ययन के लेखकों ने कहा कि अधिक हमलावर संदेश और विशेषरूप से हिंदी के उपयोग से राहुल गांधी के ट्विट को अधिक तवज्‍जो मिलती है।

‘भाषा भी व्यक्त की जा रही भावनाओं का संकेतक हो सकती है। हिंदी में कुछ सबसे ज्यादा री-ट्वीट किए गए संदेशों में कटाक्ष या अपमान का भाव है।’ पाल ने कहा।

शोधकर्ताओं का कहना है कि भाषात्मक रूप से भाषा का प्रभाव देखने के लिए कुछ समय लगेगा लेकिन कुछ ट्रेन्ड दिखते हैं — हिंदी ट्वीट्स 2016 के बाद राजनीतिक दलों के लिए बेहतर काम करती हैं और गैर-हिंदी भाषा ट्वीट्स अंग्रेजी या हिंदी जैसे लोकप्रिय नहीं होते हैं।

वहीं, सोशल मीडिया पर भाषा का इस्तेमाल राजनेताओं के चुनावी क्षेत्र के लोगों का परिचायक नहीं था, लेकिन इससे यह तो पता चल ही जाता है कि राजनेता किससे ऑनलाइन बात कर रहे थे।

“अब हम उस युग की तरफ बढ़ रहे हैं जिसमें राजनेता लोगों से संवाद के लिए पारंपरिक समाचार मीडिया की तुलना में सोशल मीडिया का इस्तेमाल करने पर ज्यादा जोर देंगे,” पाल ने कहा।

अधिक जानकारी:

अध्ययन: क्या भारतीय भाषाओं में ट्वीटिंग राजनीतिज्ञों की मदद करना उनकी पहुंच को बढ़ाती है?

जॉयजीत पाल