आयरन एवं विटामिन बी12 की कमी से बच्चों में बढ़ सकता है व्यवहार संबंधित विकार

अप्रैल 27, 2018
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लौह में उच्च भोजन के अवधारणा चित्रण। चित्रण क्रेडिट: कैटलिन बुकेमा

एन आर्बोर- यूनिवर्सिटी ऑफ मिशिगन स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ के नेतृत्व में किये गये नए शोध के मुताबिक 8 साल की उम्र के लड़कों में विटामिन बी 12 अौर आयरन की कमी से व्यवहार में समस्याएं हो सकती हैं।

इस कमी होने के कारण, उनमें व्यवहार संबंधी समस्याएं जैसे चिंता व आक्रामकता बढ़ सकती है।

मिशिगन यूनिवर्सिटी के स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ में महामारी विज्ञान के प्रोफेसर एडुआर्डो विलमोर ने कहा, “दुनिया भर के कई क्षेत्रों में आयरन की कमी अभी भी बेहद प्रचलित है। विटामिन बी 12 की कमी पर कम डेटा है लेकिन शोध बताता हैं कि यह कुछ आबादी में सार्वजनिक स्वास्थ्य समस्या हो सकती है।”

यह शोध जर्नल ऑफ न्यूट्रिशन में प्रकाशित होगा।

इस शोध में पांच से 12 साल की उम्र के 3,200 बच्चों का परीक्षण किया था।

शोध के निष्कर्षों से पता चलता है कि लौह तत्व की कमी, एनीमिया और विटामिन बी12 की कमी की वजह से आठ साल की आयु वाले बच्चों में औसत की तुलना में आक्रमकता और नियमों को तोड़ने जैसे व्यवहार 10 फीसदी ज्यादा होते हैं। लौह तत्वों की कमी आंतरिक समस्याओं जैसे चिंता व अवसाद से जुड़ी होती है।

प्रोफेसर एडुआडरे विल्मर का कहना है कि दिमाग के कुछ हिस्सों का विकास पूरे बाल्यावस्था के दौरान होता है। उन्होंने कहा कि दिमाग के बेसल गैंग्लिया (basal ganglia), हिप्पोकैंपस, एमिग्डला (amygdala) और प्रीफ्रंटल कोर्टेक्स (prefrontal cortex) की संरचना में बदलाव व्यावहारिक समस्याओं को बढ़ाने के लिए जिम्मेदार हो सकते हैं।
शोधकर्ताओं ने लड़कियों में कोई संबंध नहीं पाया गया।

विलमोर ने कहा, “हमारे पास इस बारे में स्पष्टीकरण नहीं है, कि यह खैसे होता हैं हालांकि हमें पता हैं कि लड़कों और लड़कियों का अलग-अलग अध्ययन करना महत्वपूर्ण था क्योंकि उनका विकास भिन्न हैं।” “चूहे में अध्ययनों से पता चला है कि कुछ सूक्ष्म पोषक तत्वों की कमी पुरुष और मादा मस्तिष्क को अलग-अलग तरीके से प्रभावित करत है लेकिन यह स्पष्ट नहीं है कि यह मनुष्यों में भी कैसे होता है।”

विलमोर के अलावा, अन्य यू-एम शोधकर्ताओं में पब्लिक हेल्थ की सोनिया रॉबिन्सन अौर मिशिगन मेडिसिन के ब्लेयर रिचर्ड्स और बेट्सी लोज़ॉफ शामिल थे। अन्य लेखको में ला सबाना विश्वविद्यालय और कोलम्बिया में पोषण और स्वास्थ्य में फाउंडेशन फॉर रिसर्च के थे।

 

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