भारतीय चुनाव: यू-एम विशेषज्ञ चर्चा के लिए उपलब्ध

अप्रैल 18, 2019
Written By:
Mandira Banerjee
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विशेषज्ञ सलाहकार

भारत में चुनाव: यू-एम विशेषज्ञ चर्चा कर सकते हैं

भारत के 17 वीं लोकसभा के लिए आम चुनाव 11 अप्रैल से 19 मई तक होगें। मिशिगन विश्वविद्यालय के विशेषज्ञ विभिन्न मुद्दों पर टिप्पणी कर सकते हैं।

Puneet Manchanda

पुनीत मनचंदा — रॉस स्कूल ऑफ बिजनेस में विपणन के प्रोफेसर हैं। उनकी विशेषज्ञता उभरते क्षेत्रों के बाजार, भारत में व्यापार, और रणनीति और विपणन के मुद्दें हैं।
“दिलचस्प सवाल यह है कि पहले के वर्षों के मजबूत प्रदर्शन के तुलना में पिछले साल की अर्थव्यवस्था में सुस्ती का चुनावों पर प्रभाव होगा या नही,” उन्होंने कहा।”

“आगे देखते हुए, चुनाव के परिणाम का निवेश पर, विशेष रूप से विदेशी निवेश पर, सबसे अधिक प्रभाव पड़ेगा। घरेलू उपभोक्ता बाजारों पर प्रभाव कम होने की संभावना है। जनादेश जितना अधिक निर्णायक होगा, व्यापार के लिये उतना ही बेहतर होगा।”

संपर्क करें: 734-936-2445, [email protected]


Leela Fernandes

लीला फर्नांडीस, राजनीति विज्ञान और वुमन स्टडीज़ की प्रोफेसर है, वो राजनीति और संस्कृति के बीच के संबंधों, भारत में श्रमिक राजनीति, लोकतंत्रीकरण और आर्थिक सुधार की राजनीति पर शोध करती है।

“भारत के राष्ट्रीय चुनावों का पैमाना जबरदस्त है, और चुनाव प्रभावी और संगठित तरीके से किया जाता है जो वैश्विक और तुलनात्मक संदर्भ में प्रभावशाली है,” उन्होंने कहा। “चुनाव के दांव ऊँचे हैं। मुद्दे गहरे और निरंतर हैं, जैसे कि असमानता, कृषि संकट, और शैक्षणिक संस्थानों में वाक् स्वातंत्र्य का उल्लंघन।”

“चुनाव की गतिशीलता जटिल संबंधों और समझौतों से बनी होती है जो दो मुख्य दल क्षेत्रीय दलों के साथ नेविगेट करते हैं। पाकिस्तान के साथ तनाव अौर राष्ट्रवादी भावनायें इस मुद्दें को और अधिक जटिल बनाते है।”

“धर्म का राजनीतिकरण लोकतांत्रिक स्वतंत्रता को संकट में डालता है।चुनाव परिणामों में भारत के लोकतंत्र की मूल प्रकृति का भविष्य दांव पर है।”

संपर्क करें: 734-780-7514, [email protected]


Joyojeet Pal

जॉयजीत पाल  स्कूल आफ इन्फर्मेशन में एसोसिएट प्रोफेसर है अौर मोदी के सोशल मीडिया जैसे की ट्विटर के उपयोग का अध्ययन करते हैं। उनका अनुसंधान समूह 10,000 से अधिक भारतीय राजनेताओं के सोशल मीडिया का सबसे बड़े डेटाबेस चलाता है।

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Aswin Punathambekar

अश्विन पुनाथंबेकर कम्यूनकेशन स्टडीज़ में सहयोगी प्रोफेसर है , वे दक्षिण एशिया में मीडिया अभिसरण, मीडिया इतिहास और सार्वजनिक संस्कृति पर शोध करते हैं।
संपर्क करें: 734-615-0949, [email protected]

 

 


विक्रमादित्य खन्ना,

Vikramaditya Khannaकानून के प्रोफेसर हैं, अौर भारतीय कानून, वैश्विक कॉर्पोरेट कानून और नीति के विशेषज्ञ हैं।

संपर्क करें: 734-369-2026, [email protected]