अक्सर बचपन की बीमारियाँ विटामिन ए की कमी के साथ जुड़े हैं
एन आर्बर: एक नए अध्ययन से पता चलता है कि पर्याप्त विटामिन ए के अभाव में स्कूल उम्र के बच्चों में गैस्ट्रोइन्टेस्टनल और सांस की बीमारियों होने की संभावना है।
शोध ने ५-१२ उम्र के लगभग २८०० बच्चों को एक वर्ष तक अध्ययन किया। शोधकर्ताओं ने पाया कि रक्त में कम विटामिन ए वाले बच्चों को अक्सर दस्त के साथ उल्टी और बुखार के साथ खांसी हुई।
यह अध्ययन नूट्रिशन जर्नल के ऑनलाइन वर्श़न में प्रकाशित हुआ , अौर यह अध्ययन यूनिवर्सिटी ऑफ़ मिशिगन के जन स्वास्थ्य स्कूल और मिशिगन राज्य विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं द्वारा किया गया।
विटामिन ए की कमी अभी भी दुनिया भर के कई देशों में एक महत्वपूर्ण सार्वजनिक स्वास्थ्य समस्या है।
विटामिन ए की कमी के पिछले अनुसंधान शिशुओं और 5 साल से कम आयु के बच्चों पर केंद्रित किया था , पर परिणाम असंगत थे।
पिछले किसी अध्ययन ने 5 और 12 के आयु वर्ग के बच्चों में अकेले विटामिन ए की संभावित भूमिका का अनुमान नही लगाया,” डॉ. एडुआर्डो विलामोर, उम के महामारी विज्ञान में सहयोगी प्रोफेसर और अध्ययन के वरिष्ठ लेखक ने कहा।
शोधकर्ताओं ने पाया कि कोलम्बिया के स्कूली बच्चों में 14 प्रतिशत को पर्याप्त विटामिन ए नहीं मिल रहा था। टीम ने कहा कि यह जाँचने के लिये कि विटामिन अनुपूरण से बच्चों में संक्रमण का खतरा या गंभीरता को कम हो सकते हैं, अधिक अनुसंधान की जरूरत है।
शोधकर्ताओं ने अन्य सूक्ष्म पोषक जैसे कि ज़िंक , आइअर्न , फोलेट और विटामिन बी 12 का भी अध्ययन किया, लेकिन केवल विटामिन ए बीमारी से संबंधित था।
अध्ययन ने पाया कि एक लिटर का दशमांश रक्त में मौजूद हर 10 माइक्रोग्राम विटामिन ए से बच्चों में 18 प्रतिशत कम दस्त और उल्टी , 10 प्रतिशत कम खांसी और बुखार, और 6 प्रतिशत कम डॉक्टर विज़िट था।
विलामोर ने कहा कि विटामिन ए का प्रभाव अलग देशों में भिन्न हो सकता है क्योंकि अलग देशों में आहार और बीमार करने वाले सूक्ष्म जीवाणुओं अलग होते हैं। उम्र और बच्चों की संभवतः सेक्स भी कारक हो सकता है, उन्होंने कहा।
उन्होंने कहा कि यह अनिश्चित है कि बच्चों को विटामिन ए की गोलियाँ देने से समस्या का समाधान हो जाएगा।
संबंधित लिंक:
- यूनिवर्सिटी ऑफ़ मिशिगन सार्वजनिक स्वास्थ्य स्कूल: www.sph.umich.edu
- एडुआर्डो विलामोर: www.sph.umich.edu/iscr/faculty/profile.cfm?uniqname=villamor